Monday, January 4, 2010
दिल को जाने क्यूँ मैं बर्बाद किया करता हूँ
दिल को जाने क्यूँ मैं बर्बाद किया करता हूँ
अकेला होता हूँ तो तुझे याद किया करता हूँ
की थी मैंने इश्क़ में पहल तो क्या
गिर गया मेरे सपनों का महल तो क्या
मज़बूत दिल की हर बुनियाद किया करता हूँ
अकेला होता हूँ तो तुझे याद किया करता हूँ
हाल-ए-दिल बयां कर, क्या कुसूर किया मैने
दिल के अरमानों को चूर चूर किया मैने
तूने न की मोहब्बत पल भर के लिये लेकिन
पाने की तुझे अक्सर फरियाद किया करता हूँ
अकेला होता हूँ तो तुझे याद किया करता हूँ
तु नहीं, तेरी कहानी अब भी है मेरे साथ
भीगी आंखों का पानी अब भी है मेरे साथ
नये नये गमों को इजाद किया करता हूँ
अकेला होता हूँ तो तुझे याद किया करता हूँ
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